प्रकाशन:
संस्था द्वारा अनुसूचित जनजातियों की जीवन संस्कति, विकास एवं अन्य प्रासंगिक विषयों पर केन्द्रित पुस्तकों, अनुसंधान, मूल्यांकन, अध्ययन संबंधी प्रतिवेदनों के अलावा छ:माही शोध पत्रिका बुलेटिन का प्रकाशन किया जाता हैा अनुसूचित जनजाति के लोगों तथा उनकी जीवन संस्कृति पर आधारित विभिन्न छायाप्रतियों के फोलियेां भी प्रकाशित किये जाते हैं जनजातीय अनुसंधान एवं विकास संस्था, भोपाल के कुद प्रकाशन बिकी हेतु संस्था में उपलब्ध है जो निम्नानुसार है : -
- आदिवासी धरोहर, 2003
- गोंडी हिन्दी शब्दकोश, 2006
- कोरकू हिन्दी शब्दकोश, 2007
- भीली हिन्दी शब्दकोश, 2007
- Tribal Stride, 2007
- जनजातीय फोलियों 15 प्रकार के, 2009
- जनजातीय गोदना: श्रंगार और उपचार, 2012
- कोरकू व्याकरण, 2013
- भीली व्याकरण, 2013
- Basic Statistics on Scheduled Tribes of Madhya Pradesh (Part 1-2) 2013
- भील जनजातीय समूह के सांस्कतिक आयाम, 2015
- जनजातीय चित्र शिल्प, 2017
- अगरिया, 2017
- प्रकृति पूजाका पर्व इंदल, 2017
- हिरौंदी मुंदरी, 2017
- बैगानी हिन्दी शबदकोश, 2017
- पारम्परिक बैगानी गीत, 2017
- भिलाली हिन्दी शब्दकोश, 2017
- मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियॉ, 2017
- बारेली हिन्दी शब्दकोश, 2017
- भीली हिन्दी शबदकोश द्वितीय संस्करण 2019
- कोरकू हिन्दी शब्दकोश द्वितीय संसकरण 2019
- जनजातीय वाद्य, 2020
- मवासी हिन्दी शब्दकोश, 2020
- मध्यप्रदेश की औषधीय वनस्पतियॉ, 2020
- गोंड पेटिंग, 2020
- संग्रहालय प्रादर्श, 2020
- परम्परागत जनजातीय बॉस शिल्पकला, 2020
- मवासी जनजाति के परम्परिक लोक गीत, 2021
- मध्यप्रदेश के जनजातीय नृत्य, 2021